वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने आज यूपी का बजट पेश किया। शिक्षा क्षेत्र में क्या नई घोषणाएं हुई इसे लेकर विद्यार्थियों की नजर बनी रही। सरकार ने प्राइमरी, माध्यमिक से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। आइए एक एक करके सब जानते हैं…
- अगले पांच साल में 2 करोड़ युवाओं को मुफ्त टैबलेट और स्मॉर्ट फोन दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में 12 लाख छात्रों को स्मॉर्ट फोन और टैबलेट दिए गए थे।
- 10वीं और 12वीं में 65% से ज्यादा नंबर लाने वाले छात्र-छात्रों को स्मार्ट फोन और टैबलेट मिलेंगे।
Live Update’s
- प्रदेश में 75 नए राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना के लिए कार्य प्रगति पर है।
- मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए केंद्र की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 1 करोड़ 16 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- पिछड़े वर्ग के छात्रों की स्कॉलरशिप के लिए सरकार ने 1672 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। 2021-22 में सरकार ने 13,77,213 छात्रों को स्कॉलरशिप दिया है।
- अल्पसंख्यक छात्रों के स्कॉलरशिप के लिए 600 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित हैं।
- संस्कृत शिक्षा को व्यवसायपरक बनाने के लिए आधुनिक विषयों का समावेश करते हुए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया है। संस्कृत पाठसालाओं के लिए 324 करोड़ 41 लाख रुपए प्रस्तावित हैं।
- प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय सहारनपुर, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्व विद्यालय आजमगढ़ और राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़ के रूप में तीन नए राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास हो चुका है। इसके भवन जल्द बनकर तैयार किए जाएंगे।
- 49 निर्माणाधीन राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज जल्द शुरू किए जाएंगे। इन्हें आने वाले समय में पीपीपी मोड में संचालित किया जाता है।
- प्रदेश में 4 राजकीय आईटीआई संस्थान को मॉडल आईटीआई संस्थान के रूप में विकसित करने की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- युवा वकीलों को कार्य के शुरूआती 03 वर्षों के लिए किताब एवं पत्रिका क्रय करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिये 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से 25 दिसम्बर 2021 से निःशुल्क टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण योजना प्रारम्भ की गई है।
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यूपी सरकार ने 2021-22 के लिए शिक्षा क्षेत्र में 93,224 करोड़ रुपए के बजट की घोषणा की थी। हालांकि, 2020-21 के बजट के मुकाबले इसमें 5 हजार 223 करोड़ रुपए की कटौती कर दी गई थी।
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सबसे पहले प्राइमरी स्तर की बात
पिछले बजट में 1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं के लिए मुफ्त यूनिफॉर्म, जूता, मोजा और स्वेटर उपलब्ध करवाए जाने के लिए 340 करोड़ का ऐलान किया गया था। छात्रों के अभिभावकों के खाते में 1100-1100 रुपए भेज दिए गए थे। यह पहला मौका था जब पैसे भेजे गए थे। स्कूल बैग के लिए 110 करोड़ रुपए अतिरिक्त जारी किए गए थे।
सैनिक स्कूलों पर विशेष ध्यान
मैनपुरी, झांसी और अमेठी में बन रहे सैनिक स्कूल और गोरखपुर में एक नया सैनिक स्कूल खोलने के लिए 90 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया था। सरकारी सहायता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों के विकास के लिए 200 करोड़ रुपए बजट में प्रस्तावित थे।
इंटर कॉलेजों और महाविद्यालयों के निर्माण पर 300 करोड़
प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों के विकास के लिए 100 करोड़ और राजकी महाविद्यालयों में भवन निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की गई।
मेडिकल कॉलेज पर विशेष जोर
पिछले बजट में अमेठी, बलरामपुर में मेडिकल कॉलेज के लिए 175 करोड़ रुपए जारी किए गए। 13 जिले जिसमें गोण्डा, बिजनौर, सुल्तानपुर, कुशीनगर, लखीमपुर-खीरी, चंदौली, सोनभद्र, बुलंदशहर, औरैया, कानपुर देहात, पीलीभीत और कौशांबी शामिल हैं। यह बन रहे मेडिकल कॉलेज या फिर नए कॉलेज के निर्माण के लिए 1,950 करोड़ रुपए का बजट जारी हुआ।
प्रतापगढ़, एटा, हरदोई, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर में 2021 से शिक्षण सत्र शुरू हुआ। इसके लिए 960 करोड़ रुपए जारी किए गए।