भारत सरकार ने दिल्ली से वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना 958 किलोमीटर लंबी होगी और इसके निर्माण में लगभग 1.10 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
इस परियोजना के तहत दिल्ली से वाराणसी के बीच 13 स्टेशन होंगे, जिनमें से 12 उत्तर प्रदेश में होंगे। ये स्टेशन हैं:
- दिल्ली (सराय काले खां)
- नोएडा (सेक्टर 142)
- जेवर एयरपोर्ट
- मथुरा
- आगरा
- न्यू इटावा
- साउथ कन्नौज
- लखनऊ
- अयोध्या
- रायबरेली
- प्रयागराज
- भदोही
दिल्ली से वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन का संचालन 2030 तक शुरू होने की उम्मीद है। इस परियोजना से दिल्ली और वाराणसी के बीच की दूरी केवल चार घंटे में तय की जा सकेगी। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह लोगों को दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे बड़े शहरों तक पहुंचने में आसानी प्रदान करेगी। इससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
बुलेट ट्रेन के लाभ:
- दिल्ली और वाराणसी के बीच की दूरी को केवल चार घंटे में तय किया जा सकेगा।
- लोगों को दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे बड़े शहरों तक पहुंचने में आसानी होगी।
- उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
बुलेट ट्रेन के चुनौतियां:
- भूमि अधिग्रहण एक बड़ी चुनौती होगी।
- परियोजना की लागत भी अधिक है।
- बुलेट ट्रेन के संचालन में सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा।