Pixel 7, Pixel 7 Pro Review: क्या गूगल अपने इन दोनों स्मार्टफोन्स के सहारे फ्लैगशिप मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत कर पाएगा? इसका फैसला तो कस्टमर्स ही करेंगे और बिक्री के आंकड़े आने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन इससे पहले हम आपके लिए इन दोनो स्मार्टफोन्स का रिव्यू लेकर आए हैं. खरीदने से पहले इसे एक बार जरूर पढ़ें.
Pixel 7 Pro Review
Google ने कई साल के बाद भारत में अपने फ़्लैगशिप स्मार्टफोन्स लॉन्च किए हैं. Pixel 7 और Pixel 7 Pro भारतीय मार्केट में उपलब्ध हो चुके हैं. मैंने भी इन्हें कुछ दिनों के लिए यूज किया है और आपको बताते हैं कि ये फ़ोन कैसे हैं.
Pixel 7 Pro का व्हाइट कलर वेरिएंट रिव्यू कर रहा हूँ जिसे कंपनी Snow कहती है. Pixel 6 और Pixel 6 Pro भारत नहीं आए थे, लेकिन कंपनी ने Pixel 6A भारत में लॉन्च किया था. डिज़ाइन का जहां तक सवाल है तो ये Pixel 6 सीरीज़ से मिलता जुलता ही है.
Pixel 6 सीरीज़ में भी ग्लास मेटल का यूज किया गया था और कैमरा वाइजर था, यहाँ भी ऐसा ही है. हालाँकि पिछले साल कैमरा वाइजर ग्लास का था जो अब एल्यूमिनियम का हो गया है.
Pixel 7 Pro में दिया गया कैमरा मॉड्यूल जिसे आप कैमरा बार या वाइज़र भी कह सकते हैं. ये ग्लॉसी है, जबकि Pixel 7 में दिया गया कैमरा बार मैट फ़िनिश वाला है. हालाँकि ये पर्सनल टेस्ट पर डिपेंड करता है, लेकिन मैट फ़िनिश ज़्यादा प्रीमियम लग रहा है.
Pixel 7 और Pixel 7 Pro में के फ़्रंट और बैक में Gorilla Glass Victus दिया गया है जिसे मज़बूत माना जाता है. हालाँकि ये कितना ड्यूरेबल ये टेस्ट मैंने नहीं किया है. फ़ोन गिरने पर अमूमन टूट ही जाते हैं.
Pixel 7 और Pixel 7 Pro दोनों ही स्मार्टफोन्स IP68 रेटिंग वाले हैं यानी आप इन्हें बारिश में यूज कर सकते हैं और चाहें तो इसे लेकर स्विमिंग भी कर सकते हैं. हालाँकि ये दोनों ही स्मार्टफोन्स शैटर प्रूफ़ नहीं हैं, इसलिए आप इन्हें सँभाल कर ही यूज करें.
Pixel 7 और Pixel 7 Pro का डिज़ाइन और बिल्ड क्वॉलिटी एक जैसी ही है. दोनों ही देखने में प्रीमियम लगते हैं. Pixel 7 का लेमनग्रास कलर वेरिएंट रिव्यू कर रहा हूँ जो देखने में खूबसूरत लगता है.
Pixel 7 Pro में कर्व्ड डिस्प्ले है, हालाँकि ये ज़्यादा कर्व्ड नहीं है, लेकिन यूज करने पर अच्छा लगता है. ये पर्सनल टेस्ट पर भी डिपेंड करता है. कई लोगों को फ़्लैट डिस्प्ले ही पसंद आती है.
Pixel 7 में आपको फ़्लैट डिस्प्ले ही देखने को मिलती है, लेकिन इसके एज काफ़ी शार्प लगते हैं. होल्ड करने में वो शार्पनेस आपको हाथों को महसूस होगी. धीरे धीरे आपको इसकी आदत पड़ जाएगी, लेकिन यहाँ कंपनी को और काम करना चाहिए था.
Google के Pixel स्मार्टफोन्स हमेशा से ही सॉफ़्टवेयर सेंट्रिक स्मार्टफ़ोन्स रहे हैं. इस बार भी वैसा ही है. आपको यहाँ दूसरी कंपनियों के फ़्लैगशिप की तरह टॉप हार्डवेयर या बेस्ट डिस्प्ले नहीं मिलती है. बेशक इनकी डिस्प्ले शानदार है, लेकिन सेग्मेंट बेस्ट नहीं है.
Pixel 7 Pro
Pixel 7 और Pixel 7 Pro दोनों में ही कंपनी ने Google Tensor G2 चिपसेट लगाया है. ये प्रोसेसर 5nm पर बना है और इसके लिए सैमसंग ने भी कुछ कॉन्पोनेंट्स बनाए हैं.
परफ़ॉर्मेंस के बारे में बाद में बात करेंगे पहले कैमरा की तरफ़ बढ़ते हैं. क्योंकि Pixel स्मार्टफोन्स के कैमरे को लेकर खूब बातें होती हैं. हमने भी Pixel 7 और Pixel 7 Pro से खूब फोटॉग्रफी की है और आपको बताते हैं कि इस बार कंपनी ने क्या कमाल किया है.
Pixel 7 Pro में 50 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा, 48 मेगापिक्सल का टेलीफ़ोटो लेंस, जबकि 12 मेगापिक्सल का अल्ट्रा वाइड कैमरा दिया गया है. लेकिन Pixel 7 में दो ही कैमरे मिलते हैं. प्राइमरी और अल्ट्रावाइड कैमरा सेम है बस यहाँ टेलीफ़ोटो लेंस नहीं दिया गया है.
इन दिनों कंप्यूटेशनल फोटॉग्रफी का काफ़ी बोलबाला है और गूगल इसमें काफ़ी आगे निकल चुका है. कंपनी बहुत पहले से ही सॉफ्टेवयर बेस्ड कैमरा एक्सपीरिएंस को बेहतरीन कर रही है. इस बार का रिज़ल्ट भी शानदार है.
Pixel 7 Pro से क्लिक की गई फ़ोटो क्लियर, शार्प, डिटेल्ड होने के साथ ही अट्रैक्टिव भी लगती हैं. iPhone 14 Pro के साथ भी मैंने इसकी तुलना की है और कई मामलों में Pixel 7 pro का रिज़ल्ट मुझे ज़्यादा पसंद आया.
उदाहरण के तौर पर Pixel 7 Pro से 30X तक ज़ूम कर सकते हैं और iPhone 14 Pro के मुक़ाबले ज़ूम करके ली गईं तस्वीरें इसमें बेहतर आती हैं. हालाँकि 30X पर क्लिक की गई तस्वीरों में ज़्यादा डिटेल नहीं मिलेगा लेकिन काम चलाऊ ज़रूर हैं. iPhone 14 Pro में ये बात नहीं है.
Pixel 7 Pro एक ऐसा फ़ोन है जिसे आप दिन या रात की टेंशन लिए बग़ैर फोटॉग्रफी कर सकते हैं और अच्छे रिज़ल्ट की उम्मीद भी कर सकते हैं. कंपनी ने नाइट साइट और लो लाइट फोटॉग्रफी को पहले से बेहतर किया है.
हालांकि नाइट साइट मोड पर क्लिक की गई तस्वीरें कभी कभी आपको बेवकूफ बनाती हैं. क्योंकि कई बार मैंने नोटिस किया है कि आपको ये नहीं पता चलता है कि फ़ोटो अंधेरे में ही क्लिक की गई है. ऐसा लगता है कि रौशनी में फ़ोटो क्लिक की गई है. यानी अगर आप फ़ोटो में रात या पूरा अंधेरा जैसा कुछ दिखाने की कोशिश कर रहे हैं तो यहाँ ऐसा लगता है कि फ़ोटो रौशनी में क्लिक की गई है.
Pixel 7 Pro के मेन कैमरा अलग अलग लाइटिंग कंडीशन में अच्छी फ़ोटोज़ क्लिक करता है. फ़ोटोज़ में आपको डिटेल की भी कमी महसूस नहीं होगी. क्लिक की गई तस्वीरों में बनावटी कलर्स देखने को नहीं मिलते ना ही ओवरसैचुरेशन की कोई समस्या है. 2X से 5X ज़ूम तक ये दोनों कैमरों को यूज करता है और ये ऑप्टिकल ज़ूम शानदार है. यहाँ फ़ोटो फटने या ब्लर होने जैसी कोई दिक़्क़त नहीं आती है.
5X के बाद से 48 मेगापिक्सल का टेलीफ़ोटो कैमरा काम करना शुरू करता है. इसका भी रिज़ल्ट सैटिस्फैक्ट्री है, लेकिन इस फ़ोन का ज़ूम इसके राइवल Galaxy S22 Ultra से काफ़ी फीका है.
5X ज़ूम तक फ़ोन के अलग अलग कैमरे यूज होते हैं इस वजह से 5X ज़ूम्ड फ़ोटो क्रिस्प दिखती हैं. आम तौर पर ज़ूम होने के बाद फ़ोटो का यूज नहीं रह जाता है.
Pixel 7 और Pixel 7 Pro में Google Tensor G2 चिपसेट दिया गया है. ये कंपनी का अपना प्रोसेसर और पिछले जेनेरेशन के मुक़ाबले काफ़ी इंप्रूव्ड भी है. हालाँकि बेंचमार्क रिज़ल्ट्स में ये इस साल के फ़्लैगशिप्स के मुक़ाबले ज़्यादा भी फ़ास्ट नहीं है. लेकिन इतना फ़ास्ट ज़रूर है कि लगातार हेवी यूज करने पर भी ये फ़ोन ओवरहीट नहीं होगा और ना ही किसी तरह के लैग की इश्यू मिलेगी.
हालाँकि सॉफ़्टवेयर के शुरुआती कुछ ग्लिच की वजह से फ़ोन में कई बार रेस्पॉन्ड नहीं करता है. ऐप्स क्रैश करने की भी इश्यू आई, लेकिन अपडेट के साथ उसे ठीक कर लिया गया. पता नहीं ऐपल और गूगल जैसी कंपनियाँ इन दिनों बिना स्टेबल सॉफ़्टवेयर के ही नए फ़्लैगशिप लॉन्च कर दे रही हैं. iPhone 14 Pro के साथ भी हमने ऐसा फेस किया है. कई चीजें ऐसी हैं जिसे देख कर कहा जा सकता है कि कंपनी ने टेस्टिंग के ही फ़ेस से सॉफ़्टवेयर को पब्लिक कर दिया है.
बहरहाल, आने वाले समय में उम्मीद करता हूँ कि दोनों ही कंपनियाँ अपने अपने सॉफ्टेवयर को स्टेबल कर देंगी और इस तरह की सॉफ़्टवेयर रिलेटेड प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी.
ये गेमिंग फ़ोन नहीं है, लेकिन मैंने लगातार कुछ घंटे Call of Duty Mobile मैक्स सेटिंग्स में खेला है और मुझे इसमें कोई दिक्कत महसूस नहीं हुई. फोन गर्म होता है, लेकिन ओवरहीट नहीं करता है जो अच्छी बात है.
Pixel 7 Pro में स्क्रॉलिंग ज़्यादा फ़ास्ट लगती है, क्योंकि इसमें 120Hz रिफ़्रेश रेट दिया गया है. कंपनी को Pixel 7 में भी 120Hz रिफ़्रेश रेट सपोर्ट देना चाहिए था, क्योंकि इससे कम क़ीमत वाले एंड्रॉयड फ़ोन में अब 120Hz रिफ़्रेश रेट मिलता है.
Pixel 7 भी फ़ास्ट फ़ोन है, क्योंकि इसमें भी Google Tensor G2 चिपसेट दिया गया है. स्क्रॉलिंग Pixel 7 Pro के मुक़ाबले थोड़ा डल है, लेकिन गेमिंग और दूसरे हेवी ऐप्स आराम से ये फ़ोन हैंडल कर लेता है.
दोनों ही स्मार्टफोन्स Android 13 पर चलते हैं और इसमें तीन साल तक एंड्रॉयड वर्जन का अपडेट मिलेगा. हालाँकि अपडेट के मामले में सैमसंग गूगल से आगे निकल चुका है. कंपनी ने हाल ही में कहा है कि वो चार साल तक का एंड्रॉयड अपडेट देगी.
इस फ़ोन में कई प्रैक्टिकल सॉफ़्टवेयर बेस्ड फ़ीचर्स दिए गए हैं. वॉयस टू टेक्स्ट फ़ीचर कमाल का है. मैंने इसे जब भी यूज किया है इसका रिज़ल्ट बेहतरीन ही मिला है. इंग्लिश में बोल कर आप आराम से टाइप कर सकते हैं और ये काफ़ी फास्ट है. पंक्चूएशन से लेकर पॉज़ तक को समझता है और वैसे ही टाइप होता है.
इंग्लिश के अलावा हिंदी बोल कर भी ट्राई किया है. हिंदी में भी वॉयस टु टेक्स्ट फ़ीचर कमाल दिखाता है और जहां आप पॉज लेते हैं वो इसे भी समझता है.
इसके अलावा कैप्शन फ़ीचर भी प्रैक्टिकल लगता है. आप इसे ऑन करके किसी तरह के वॉयस का सीधे टेक्स्ट हासिल कर सकते हैं. काफी समय तक यूज करने के बाद आपको सॉफ्टवेयर बेस्ड कई फीचर्स मिलेंगे जो हर दिन काम आते हैं.
Google Pixel 7, Pixel 7 Pro: बॉटम लाइन
Pixel 7 और Pixel 7 Pro ना सिर्फ फोटॉग्रफी के लिहाज से बल्कि ओवरऑल यूजर एक्स्पीरिएंस के लिहाज से भी अच्छे हैं. हालांकि भारत में Pixel 7 और Pixel 7 Pro की कीमतों में काफी फर्क है. इसलिए अगर आप ज्यादा पैसे और नहीं लगाना चाहतें है तो आप Pixel 7 के साथ भी जा सकते हैं. परफॉर्मेंस वाइज दोनों में थोड़ा फर्क है, लेकिन अगर आपको हाई रिफ्रेश रेट या टेलीफोटो लेंस की जरूरत नहीं है तो आप इसे खरीद सकते हैं.
important link’s | |
Bay Now | Click Here |
Join Us WhatsApp Group | Click Here |
Join Us Telegram Channel | Click Here |
Official website | Click Here |