अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि Webb के मिरर को माइक्रोमेटियोरॉइड से बमबारी का सामना करने के लिए इंजीनियर किया गया था, क्योंकि यह जिस वातावरण की परिक्रमा करता है वह धूल के साइज के कणों से भरा होता है, जो अत्यधिक वेग से उड़ते हैं।
ख़ास बातें
- यह घटना 23 मई से 25 मई के बीच हुई
- James Webb Space के प्राइमरी मिरर से एक बेहद छोटा मेटियोरॉइड टकराया
- NASA के अनुसार, इसे छोटे मेटियोरॉइड का सामना करने लायक बनाया गया था
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space) के प्राइमरी मिरर (दर्पण) सेगमेंट्स में से एक के साथ बेहद छोटे मेटियोरॉइड की टक्कर हुई, जिसके बाद वह मिरर क्षतिग्रस्त हो गया। NASA ने खुद इस बात की जानकारी शेयर की और साथ ही यह भी बताया कि टेलीस्कोप अभी भी कम पर लगी हुई है।
यह घटना 23 मई से 25 मई के बीच हुई, लेकिन अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने इसकी जानकारी पिछले हफ्ते शेयर की। नासा का कहना है कि टेलीस्कोप अभी भी ठीक परफॉर्म कर रहा है और डेटा में “मामूली रूप से पता लगाने योग्य” प्रभाव के बावजूद सभी मिशन आवश्यकताओं को अच्छे से पूरा कर रहा है।
NASA ने ब्लॉग के जरिए बताया कि 23 मई से 25 मई के बीच James Webb Space के प्राइमरी मिरर से एक बेहद छोटा मेटियोरॉइड टकराया था। नासा ने बताया “अंतरिक्ष में Webb के पूरे जीवनकाल में प्रभाव जारी रहेगा; जमीन पर मिरर का निर्माण और परीक्षण करते समय ऐसी घटनाओं का अनुमान लगाया गया था।”
In late May, Webb sustained a dust-sized micrometeroid impact to a primary mirror segment. Not to worry: Webb is still performing at a level that exceeds all mission requirements. Our first images will #UnfoldTheUniverse on July 12: https://t.co/9jp0uq7ytS pic.twitter.com/VKkSp16yrg
— NASA Webb Telescope (@NASAWebb) June 8, 2022
अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि Webb के मिरर को माइक्रोमेटियोरॉइड से बमबारी का सामना करने के लिए इंजीनियर किया गया था, क्योंकि यह जिस वातावरण की परिक्रमा करता है वह धूल के साइज के कणों से भरा होता है, जो अत्यधिक वेग से उड़ते हैं।
नासा का कहना है कि जब वेब का निर्माण किया जा रहा था, तब इंजीनियरों ने मिरर के नमूनों पर सिमुलेशन और वास्तविक परीक्षण प्रभावों के मिश्रण का उपयोग किया, ताकि यह अंदाजा लगाया जा सके कि टेलीस्कोप अंतरिक्ष में प्रभावों का कैसे जवाब देगा और यह सुनिश्चित करने के लिए स्टडी की गई कि टेलीस्कोप उम्मीदों के अनुसार काम करना जारी रखेगा या नहीं।
हालांकि, NASA का कहना है कि उल्का पिंड से यह टक्कर वैज्ञानिकों के परीक्षण से बड़ी थी, लेकिन फिर भी, अंतरिक्ष एजेंसी को विश्वास है कि वेब डिजाइन के अनुसार प्रदर्शन करना जारी रख सकता है।
यह भी बताया गया है कि टक्कर का कारण उल्का बौछार नहीं थी और इसे एक न टाले जा सकने वाली घटना माना जाता है। नासा का कहना है कि टक्कर के परिणामस्वरूप, इस पैमाने पर माइक्रोमेटियोरॉइड द्वारा आगे की टक्करों को कम करने के तरीकों को देखने के लिए इंजीनियरों की एक टीम बनाई गई है।