पिछले कुछ समय से एजुकेशन लोन विद्यार्थियों के लिए फाइनेंसिंग का एक बेहतर साधन बनकर उभरा है. पिछले 10 सालों में 4.60 लाख से ज्यादा छात्रों ने विदेश में पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लिया है. भले ही पिछले कुछ सालों में एजुकेशन लोन की मात्रा में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अभी भी इस लोन का रीपेमेंट एक चुनौती बना हुआ है.
फाइनेंशिल ईयर 2023 में नॉन-परफार्मिंग एसेट्स में एजुकेशन लोन का कुल बकाया 7.82 फीसदी था, जो लगभग 80,000 करोड़ रुपए के बराबर है. यह डेटा इस बात की तरफ इशारा करता है कि कई विद्यार्थियों के लिए एजुकेशन लोन चुकाना कितना मुश्किल है. इसलिए इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे स्मार्ट तरीके बताने जा रहे हैं, जो एजुकेशन लोन को वापस चुकाने में विद्यार्थियों की मदद कर सकते हैं.
SIP है बेहतर तरीका
सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIPs) एजुकेशन लोन को चुकाने में काफी मददगार साबित हो सकता है. एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश करके आप एक अच्छा-खासा फंड तैयार कर सकते हैं, जिसका इस्तेमाल एजुकेशन लोन को चुकाने के लिए किया जा सकता है. आइए इसे एक उदाहरण के जरिए समझते हैं –
मान लीजिए, शिव नाम के छात्र ने 10 साल के लिए 25 लाख रुपए का एजुकेशन लिया है. इसके लिए उसे हर महीने 33,038 रुपये की ईएमआई का भुगतान करना होगा. इस बीच इन आंकड़ों को देखते हुए शिव ने ब्याज बचाने के लिए लोन को समय से पहले चुकाने का फैसला किया. लेकिन उसके पास पर्याप्त फंड्स नहीं हैं. इस समस्या से निपटने के लिए शिव ने एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड में नियमित रूप से कुछ राशि निवेश करने का फैसला किया.
अगर शुरुआत में शिव 3,304 रुपये प्रति महीने का निवेश करता है, जिसपर उसे लगभग 12 फीसदी का रिटर्न मिला है. ऐसा करने पर वह अपना एजुकेशन लोन 102वें महीने में चुका सकता है. इससे 18 ईएमआई बचेगी, जिनकी कुल वैल्यू 5,94,678 रुपए और कुल ब्याज 44,574 होगा. ऐसे में एसआईपी एजुकेशन लोन को चुकाने और बचत के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.
एजुकेशन लोन में इजाफा
पिछले कुछ समय से शिक्षा की लागत बहुत तेजी से बढ़ी है. पिछले दशक के दौरान भारत में शिक्षा महंगाई लगभग 11-12 फीसदी होने का अनुमान लगाया गया था, जो सीपीआई की तरफ से मापे गए सामान्य मूल्य स्तर से लगभग दोगुना है. बढ़ती शिक्षा लागत के कारण लोगों की बचत भी प्रभावित हो रही है. इसके चलते एजुकेशन लोन दिन पर दिन लोकप्रिय होता जा रहा है.
भारतीय बैंकों की तरफ से दिए गए एजुकेशन लोन की बकाया राशि प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. केवल 4.5 सालों में बकाया एजुकेशन लोन की राशि मार्च 2019 में 76,376 करोड़ रुपये से 43 फीसदी बढ़कर सितंबर 2023 में 1,09,743 करोड़ रुपये हो गई है.