भारत में पहली बुलेट ट्रेन 2026 में मुंबई से अहमदाबाद के बीच शुरू होने की उम्मीद है। इस बुलेट ट्रेन की नाक 15 मीटर लंबी होगी। इसकी नाक की लंबाई होने के पीछे कई कारण हैं।
सबसे पहले, यह नाक बुलेट ट्रेन के 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने पर निकलने वाले शोर को कम करने में मदद करेगी। बुलेट ट्रेन की नाक के सामने एक बड़ा डिप्रेशन होता है, जो हवा को नीचे की ओर धकेलता है और शोर को कम करता है।
दूसरे, यह नाक बुलेट ट्रेन के ट्रैक पर बेहतर तरीके से चलने में मदद करेगी। नाक के सामने का डिप्रेशन हवा को नीचे की ओर धकेलता है, जिससे ट्रेन के पहियों को ट्रैक पर बेहतर तरीके से पकड़ने में मदद मिलती है।
तीसरे, यह नाक बुलेट ट्रेन की सुरक्षा में भी सुधार करती है। नाक के सामने का डिप्रेशन ट्रेन के आगे की तरफ आने वाली किसी भी बाधा को कम करने में मदद करता है।
भारत में बुलेट ट्रेन की नाक जापानी बुलेट ट्रेनों की तरह ही होगी। जापानी बुलेट ट्रेनों की नाक 15 मीटर लंबी होती है और यह उन्हें 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम बनाती है।
भारत में बुलेट ट्रेन की नाक की लंबाई को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति भी जताई है। उनका कहना है कि यह नाक ट्रेन की सुंदरता को खराब करती है। हालांकि, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि बुलेट ट्रेन की सुरक्षा और प्रदर्शन के लिए यह नाक आवश्यक है।
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