चुप रहकर गमों को, दिल में छुपाया जाएं।
प्यार हो गया ‘उपदेश’, अब निभाया जाएं।।
बाल बच्चों की चिन्ता, भविष्य का मौसम।
कुछ भी कर एमलो, कम से कम कमाया जाएं।।
Contents
जरूरतें बढेगी दिनो दिन, इसको ध्यान दो।
प्रेम से रिश्ते नाते, एक दूजे से चलाया जाएं।।
उपदेश कुमार शाक्यावार ‘उपदेश’
गाजियाबाद
– हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें।