संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत का रूस पर सबसे तीखा वार, ऐक्‍शन में बाइडन, जानें क्‍या संकेत दे रहे जयशंकर

Jaishankar On Russia Ukraine Invasion: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ अब तक का सबसे तीखा बयान दिया है। इससे पहले पीएम मोदी ने रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से यूक्रेन को लेकर दो टूक कह दिया था कि यह युग जंग का नहीं हो सकता है।

वॉशिंगटन: यूक्रेन की जंग शुरू होने के 7 महीने बाद भारत ने अपने दोस्‍त रूस को दो कड़े संदेश देकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। गुरुवार को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के सत्र में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस का नाम लिए बिना ही तीखा हमला बोला। जयशंकर ने पीएम मोदी के ‘यह युद्ध का युग नहीं है’ को दोहराते हुए कहा कि संघर्ष की स्थिति में भी मानवाधिकारों या अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों के उल्‍लंघन को सही नहीं ठहराया जा सकता है। जहां भी इस तरह की घटना होती है, उसकी तथ्‍यों के आधार पर और स्‍वतंत्र तरीके से जांच की जानी चाहिए। जयशंकर ने कहा कि हमने इसी रुख को बूचा में हत्‍याओं पर लिया था और आज भी हम इस पर कायम हैं। भारतीय विदेश मंत्री ने रूस को यह कड़ा संदेश ऐसे समय पर दिया है जब पिछले दिनों पीएम मोदी ने पुतिन को युद्ध को जल्‍द से बंद करने की सलाह दी थी। यही नहीं अमेरिका भी अब भारत की रूस पर से हथियारों और ऊर्जा की निर्भरता को खत्‍म करने के लिए कमर कस ली है। आइए समझते हैं पूरा मामला….

जयशंकर ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के यूक्रेन पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने बूचा की घटना की स्‍वतंत्र जांच का समर्थन किया था। भारतीय विदेश मंत्री ने बूचा की घटना को लेकर भारत के रुख की ओर ऐसे समय पर ध्‍यान दिलाया है जब रूस इसे नरसंहार मानने से इंकार कर रहा है। अगर यह जांच में सही पाया जाता है तो रूस युद्धपराध में फंस सकता है। जयशंकर ने रूस की ओर से दी जा रही परमाणु धमकी पर यह भी कहा, ‘यूक्रेन युद्ध की दिशा पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय है। भविष्य के अनुमान और भी ज्यादा परेशान करने वाले दिख रहे हैं। परमाणु मुद्दा खास तौर पर चिंताजनक है।’

दुनिया भुगत रही है यूक्रेन युद्ध के दुष्‍परिणाम 

इससे पहले रूस ने कहा था कि वह यूक्रेन के कब्‍जा किए गए इलाकों में जनमत संग्रह कराए और फिर उसे रूसी क्षेत्र के रूप में शामिल करेगा। अगर किसी ने पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन के इन इलाकों पर फिर से कब्‍जा करने की कोशिश की तो उसे परमाणु बम समेत किसी भी हथियार से करारा जवाब दिया जाएगा। जयशंकर ने कहा, ‘इस वैश्विक दुनिया में किसी संघर्ष का प्रभाव सुदूर इलाकों में भी महसूस किया जाता है। हम सभी बढ़ती कीमतों और खाद्यान, खाद और तेल की वास्‍तविक कमी के रूप में इस युद्ध के दुष्‍परिणाम भुगत रहे हैं।’ उन्‍होंने कहा कि दुनिया के दक्षिणी हिस्‍से के विकासशील देश इससे खासतौर पर परेशान हैं।

जयशंकर ने कहा कि यही वजह है कि भारत पुरजोर तरीके से यह दुहराता है कि सभी तरह के युद्ध की स्थिति को तत्‍काल बंद किया जाए और बातचीत तथा कूटनीति को फिर से शुरू किया जाए। भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र ने यह स्‍पष्‍ट रूप से कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं हो सकता है। हम अपनी तरफ से यूक्रेन को मानवीय मदद मुहैया करा रहे हैं। साथ ही हमारे कुछ पड़ोसी देश जो आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, उन्‍हें वित्‍तीय मदद दे रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि यूक्रेन के युद्ध को खत्‍म करके तत्‍काल बातचीत की मेज पर बैठने की जरूरत है। जयशंकर के इस बयान से पहले खबर आई थी कि अमेरिका भारत की रूस पर से हथियार और ईंधन की निर्भरता को खत्‍म करने के लिए कई कदम उठाने जा रहा है।

भारत की रूस पर से निर्भरता को खत्‍म करेगा अमेरिका!

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका भारत के साथ रूस के ऊपर से निर्भरता को खत्‍म करने के लिए गहन बातचीत कर रहा है। अमेरिका की कोशिश है कि भारत को साथ लाकर रूस को और ज्‍यादा अलग-थलग किया जाए। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि रूस अब एक भरोसेमंद हथियारों का आपूर्तिकर्ता नहीं रहा। भारतीय प्रतिनिधि यह समझने के लिए आ रहे हैं कि क्‍या उन्‍हें वास्‍तविक फायदा हो सकता है या नहीं। अधिकारी ने कहा कि भारत पिछले 40 वर्षों से बुरी तरह से रूस पर निर्भर है। यह निर्भरता पहले हथियारों को लेकर थी और बाद में ऊर्जा को लेकर हो गई। हम अब भारत के साथ गहन बातचीत कर रहे हैं ताकि उसके विकल्‍पों में विविधता लाई जा सके। हम भारत की इसमें मदद करना चाहते हैं।

Leave a Comment