JAC : झारखंड में मैट्रिक-इंटर की तर्ज पर होगी तीसरी से सातवीं की परीक्षा

Jharkhand will have third to seventh examination on the lines of matriculation-inter

झारखंड में तीसरी से सातवीं कक्षा की ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव दोनों अलग-अलग परीक्षा होगी। डेढ़-डेढ़ घंटे में प्रश्न हल करने होंगे। 15 मिनट का गैप मिलेगा। 15 जून से पहले परीक्षाएं होंगी।

झारखंड के सरकारी स्कूलों में मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा की तर्ज पर तीसरी से सातवीं के छात्र-छात्राओं का भी मूल्यांकन होगा। दो पाली में परीक्षा का संचालन होगा। पहली पाली में ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाएंगे, जबकि दूसरी पाली में सब्जेक्टिव सवालों का हल करना होगा।

दोनों पालियों की परीक्षा में 15 मिनट का गैप दिया जाएगा। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग इसकी तैयारी कर रहा है। चार जून को गर्मी छुट्टी खत्म होने के बाद वार्षिक परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसमें सफल होने वाले छात्र-छात्रा ही अगली क्लास में प्रमोट हो सकेंगे।

तीसरी से सातवीं की वार्षिक परीक्षा में 40-40 अंक के ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव सवाल रहेंगे। इसके जवाब देने के लिए बच्चों को डेढ़-डेढ़ घंटे का समय मिलेगा। 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के लिए निर्धारित किए जाएंगे। परीक्षा की तिथि फिलहाल निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन सात से 15 जून के बीच ही इसका आयोजन कर लिया जाएगा। इसका परिणाम जून के अंतिम सप्ताह में आ जाएगा और बच्चों के प्रमोट करने व नामांकन के बाद जुलाई से नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो सकेगा।

इससे पहले भी 31 मार्च को 2019 के बाद तीसरी से सातवीं के छात्र-छात्राओं का बेस लाइन असेसमेंट किया गया। इसमें तीसरी-चौथे के बच्चों से उत्तरपुस्तिका पर ऑब्जेक्टिव प्रश्न का हल करवाया गया था, वहीं पांचवीं से सातवीं के बच्चों की पुराने ओएमआर शीट पर परीक्षा ली गई थी।

पहली-दूसरी की होगी मौखिक परीक्षा, क्षेत्रीय भाषा की छूट 

पहली और दूसरी क्लास के बच्चों की लिखित नहीं मौखिक परीक्षा होगी। छात्र-छात्राओं को मौखिक परीक्षा में जवाब देने के लिए क्षेत्रीय भाषा की छूट दी गई है। जो छात्र-छात्रा हिंदी की जगह अपनी क्षेत्रीय भाषा में जवाब देना चाहते हैं तो उससे उसी भाषा में सवाल पूछा जा सकेगा। पिछले दो साल तक स्कूल बंद रहने के कारण बच्चे घरों में ज्यादातर क्षेत्रीय भाषा बोल रहे थे। ऐसे में हिंदी में जवाब देने में परेशानी हो सकती है, इसलिए क्षेत्रीय भाषा में जवाब देने की छूट दी जा रही है।

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